Wednesday, May 18, 2011

थोड़ा सा रूमानी हुआ जाए

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दिन का हर सिरा
वही पुराना लगता है
वही चेहरे वही खबरें
वही रास्ता वही गाड़ी
वही हवा वही धूप
वही रोड़े वही कोड़े
फ्रेम दर फ्रेम
दिन की दास्तां
वही पुरानी लगती है ...

एक सी काली रातों में
कुछ उतनी ही करवटें
नींद तोड़-तोड़ कर आंखे
देखती मकड़जालों से लटके
वही फटे-पुराने ख़्वाब
कभी पर्दे से झाँकता
दिन का वही भूत
रात की भी हर बात
वही पुरानी लगती है ...

एक ही गाना
चलता बार-बार
हर बार झंकृत होता
वही एक तार
फिर भी  उड़ती नहीं
कल की फिक्र धुएँ में
एक सी जलन  हर पल सीने में
नादान दिल का  डर भी
वही पुराना लगता है  ...

चलो छोड़ो कुछ पल इसे
रखो बगल में अपनी गठरी
थोड़ा सुस्ताएँ !
आओ बैठें , एक दूजे को
जरा निहारें ,
कुछ बतियाएँ !
कैसे हो गए !
चलो एक-एक प्याला चाय हो जाए
कुछ ऊब से गए हैं
थोड़ा सा रूमानी हुआ जाए ....
... रजनीश (17.05.11)

11 comments:

डॉ. मोनिका शर्मा said...

थोड़ा बदलाव बहुत कुछ बदल देता है..... सुंदर रचना

रश्मि प्रभा... said...

चलो एक-एक प्याला चाय हो जाए
कुछ ऊब से गए हैं
थोड़ा सा रूमानी हुआ जाए ....
परेशानियों के मध्य से एक पगडण्डी बनायें , बारिश की बूंदों से ख्यालों में भीगे , चलो कोई गीत सुने सुनाएँ ....... वरना सांस लेने की भी फुर्सत नहीं और यूँ भी सांस लेने को तो जीना नहीं कहते यारब

विभूति" said...

कुछ ऊब से गए हैं
थोड़ा सा रूमानी हुआ जाए ....sahi hi ek jaise jiwan me kuch badlaav bhut jaruri hai... bhut acchi rachna...

रचना दीक्षित said...

थोड़ा सा रूमानी हुआ जाए..

ख्याल उम्दा है.

Anita said...

बस थोड़ा सा ही, क्यों नहीं सदा के लिये ... बाद में उन चंद पलों की याद और आयेगी... यथार्थवादी कविता !

Ragini said...

आओ बैठें , एक दूजे को
जरा निहारें ,
कुछ बतियाएँ !
कैसे हो गए !
चलो एक-एक प्याला चाय हो जाए
कुछ ऊब से गए हैं
थोड़ा सा रूमानी हुआ जाए ......very inspirational

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " said...

मन मष्तिष्क को तरो- ताज़ा करती है आपकी सुन्दर रचना ...

vandana gupta said...

बहुत ही प्यारा ख्याल है।

Udan Tashtari said...

कुछ ऊब से गए हैं
थोड़ा सा रूमानी हुआ जाए .

जरुर जी...अधिकार क्षेत्र है!! बेहतरीन रचना.

Patali-The-Village said...

बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति | थोड़ा बदलाव बहुत कुछ बदल देता है| धन्यवाद|

वाणी गीत said...

नियमित दिनचर्या और एक से हालात उब पैदा करते हैं , मगर चाय की एक प्याली के साथ रूमानी होने का खयाल अच्छा है !

पुनः पधारकर अनुगृहीत करें .....